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मुखपृष्ठ
बारे-में
परिचय
विषय
1. किनसे निर्धारित होता है मेरा व्यवहार ?
2. किनसे समावेशित होता है मेरा व्यवहार ?
3. क्या प्रेरित करता है मुझे ?
4. कितना अनुरक्त व्यक्ति हूँ मैं ?
5. कितना निर्भर व्यक्ति हूँ मैं ?
6. कौन नियंत्रित करता है मुझे ?
7. क्या विश्व एक न्यायसंगत स्थान है ?
8. क्या कोई सर्वोच्च शक्ति है ?
9. किस तरह का व्यक्ति हूँ मैं ?
10. कैसे नियंत्रित करता हूँ मैं स्वयं को ?
11. कितनी सकारात्मक भावनाएँ हैं मेरी अपने लिए ?
12. कितना आत्म-प्रवृत्त व्यक्ति हूँ मैं ?
13. कितना भय उन्मुख व्यक्ति हूँ मैं ?
14. कितना आक्रामक व्यक्ति हूँ मैं ?
15. क्या विश्व एक पूर्वाग्रहित स्थान है ?
16. कितना अपराधबोध उन्मुख व्यक्ति हूँ मैं ?
17. कितना चिंता उन्मुख व्यक्ति हूँ मैं ?
18. कितना आहत उन्मुख व्यक्ति हूँ मैं ?
19. कितना तनावग्रस्त व्यक्ति हूँ मैं ?
20. कैसे प्रबंधन करता हूँ मैं अपने प्रभाव का ?
21. कितने संतोषजनक हैं मेरे संबंध ?
22. कितना प्रसन्न व्यक्ति हूँ मैं ?
पुस्तिका
स्वमूल्यांकन
संपर्क
मेनू
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1. किनसे निर्धारित होता है मेरा व्यवहार ?
2. किनसे समावेशित होता है मेरा व्यवहार ?
3. क्या प्रेरित करता है मुझे ?
4. कितना अनुरक्त व्यक्ति हूँ मैं ?
5. कितना निर्भर व्यक्ति हूँ मैं ?
6. कौन नियंत्रित करता है मुझे ?
7. क्या विश्व एक न्यायसंगत स्थान है ?
8. क्या कोई सर्वोच्च शक्ति है ?
9. किस तरह का व्यक्ति हूँ मैं ?
10. कैसे नियंत्रित करता हूँ मैं स्वयं को ?
11. कितनी सकारात्मक भावनाएँ हैं मेरी अपने लिए ?
12. कितना आत्म-प्रवृत्त व्यक्ति हूँ मैं ?
13. कितना भय उन्मुख व्यक्ति हूँ मैं ?
14. कितना आक्रामक व्यक्ति हूँ मैं ?
15. क्या विश्व एक पूर्वाग्रहित स्थान है ?
16. कितना अपराधबोध उन्मुख व्यक्ति हूँ मैं ?
17. कितना चिंता उन्मुख व्यक्ति हूँ मैं ?
18. कितना आहत उन्मुख व्यक्ति हूँ मैं ?
19. कितना तनावग्रस्त व्यक्ति हूँ मैं ?
20. कैसे प्रबंधन करता हूँ मैं अपने प्रभाव का ?
21. कितने संतोषजनक हैं मेरे संबंध ?
22. कितना प्रसन्न व्यक्ति हूँ मैं ?
पुस्तिका
स्वमूल्यांकन
संपर्क
किनसे निर्धारित होता है मेरा व्यवहार?
उद्विकास
हमारे पूर्वजों ने उद्विकास के दौरान कई समस्याओं का सामना किया
कुछ व्यवहार उन समस्याओं से निपटने के लिए विकसित हुए
आत्म-चेतना
स्वयं के बारे में सचेत रूप से सोचना
स्वयं का मूल्यांकन करना
दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए योजना बनाना
आवश्यकता के अनुसार व्यवहार बदलना
संस्कृति
संचयी मानव उपलब्धियाँ
विश्वासों, विचारों, तकनीकों, लक्षणों का पीढ़ीगत हस्तांतरण
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