परिचय
मनुष्य का विकास प्रतियोगिता और नवप्रवर्तन की कठिन प्रक्रियाओं के माध्यम से हुआ है । इस कठिन प्रक्रिया ने हमें दक्षता की सतत मांग से अवगत कराया है । श्रेष्ठ प्रदर्शन देने के लिए आवश्यक दक्षता ही उत्कृष्टता है ।
आधुनिक मनुष्यों का बहुमुखी जीवन, मानव पारिस्थितिक-तंत्र में, उत्कृष्टता के विभिन्न मानकों को आवश्यक बनाता है । शिक्षा, नौकरी, कौशल, प्रदर्शन, उपलब्धियां, संस्थाएं, संगठन, संघ, प्रतिष्ठान, आदि सभी के उत्कृष्टता के अपने अनूठे मानक हैं । यहां तक कि एक व्यक्ति जो जीवन जीता है या एक व्यक्ति जिन मूल्यों का वहन करता है, उनमें भी उत्कृष्टता के मानक समाहित होते हैं ।
परन्तु, ये मानक अलगाव में काम नहीं करते हैं । मानव प्रकृति इनकी आपसी संबंध का सामान्य सूत्र और मानव पारिस्थितिक-तंत्र में उत्कृष्टता का प्राथमिक चालक है । शिक्षा, कौशल, संसाधन, प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे, आदि जैसे अन्य कारक द्वितीयक भूमिका निभाते हैं ।
उत्कृष्टता की सार्वभौमिक दौड़, किसी न किसी तरह, मानव प्रकृति के महत्व को कम करती है । मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं से संबंधित उत्कृष्टता के पूर्व निर्धारित नियम सभी के लिए समान रूप से उपयुक्त नहीं हैं । मनुष्य व्यापक विशेषताओं को साझा करते हैं, लेकिन व्यक्तिगत विशेषताएं एक से दूसरे में भिन्न होती हैं । उत्कृष्टता तब प्राप्त होती है जब किसी के सारे अवयव आपसी सामंजस्य में काम करते हैं । व्यक्तिगत विशेषताओं के गठबंधन के साथ जीवन के उद्देश्यों का अनुसरण करने पर इष्टतम क्षमता की प्राप्ति होती है ।
यह वांछनीय है कि एक संस्थान प्रत्येक व्यक्ति की स्वाभाविक जरूरतों को उचित महत्व दे, लेकिन सच्चाई यह है कि प्रत्येक संस्थान अपने उद्देश्यों से निर्देशित होता है और, व्यवहार में, उनके द्वारा गलती करने की संभावना निहित है । व्यक्तिगत विशेषताओं और जीवन उद्देश्यों की पहचान करने की प्राथमिक जिम्मेदारी, इसलिए, स्वयं व्यक्ति की होती है ।
किन्तु, जीवन की उलझनें व्यक्ति के लिए दुविधा पैदा करती हैं । मैं अपने तरीके का व्यवहार क्यों करता हूं ? क्यों अन्य उनकी तरह का व्यवहार करते हैं ? स्वयं को और दूसरों को समझने में क्या मेरी सहायता कर सकती है ? मैं कैसे तय करूं कि मेरे लिए क्या सही है ? मैं कैसे उस पथ पर आगे बढूं जो मुझे लगता है कि मेरे लिए सही है ? ये और ऐसे कई अन्य सवाल हमें लगातार परेशान करते हैं ।
ये प्रश्न वर्तमान संदर्भ में व्यापक महत्व रखते हैं जब तकनीकी प्रगति मानव जीवन को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर रही है । आधुनिक मानव अपनी जीवनशैली में इस तरह के निरंतर बदलावों से कैसे निपटेगा, यह सभी के लिए एक महत्वपूर्ण बहस का विषय है । इस समय इसका किसी के पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं है । लेकिन, मानव स्वभाव की समझ के साथ, एक व्यक्ति की इस तरह के उतार-चढ़ावों से निपटने की क्षमता बढ़ जाती है । कम जागरूक व्यक्ति की तुलना में, बेहतर जागरूकता वाले व्यक्ति में अनुकूलन क्षमता का बेहतर कौशल होता है ।
आधुनिक वैज्ञानिक अध्ययनों ने मानव प्रकृति के बेहतर समझ की सुविधा प्रदान की है । जीवन की उलझनों को दूर करने के लिए, हमने यहाँ सुविचारित वैज्ञानिक उपाय प्रस्तुत किए हैं । ये उपाय हमारे रोजमर्रा के जीवन में लागू करने के लिए बिलकुल उपयुक्त हैं और प्रत्येक व्यक्ति को इनसे जीवन के हर पहलू में एक व्यावहारिक दृष्टिकोण के साथ उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने में मदद मिलनी चाहिए ।
हमने कई संसाधनों से विचार संकलित किए हैं और विशिष्ट स्रोतों को पुस्तिका में “आभार और संदर्भ” खंड के तहत अभिस्वीकृत किया है ।